आर्माडिलो साउथ अमेरिका में पाया जाने वाला एक ऐसा प्राणी है जो खतरे को भांपते ही खुद को समेट के गोलाकार आकर ले लेता है, यह एक बहुत ही खूबसूरत जीव है। आर्माडिलो की 20 से अधिक प्रजाति पायी जाती है जिसमें से 9 तो केवल अमेरिका में ही पाए जाते है, इनके ऊपर की तरफ लगे शैल जिसमे खतरे के समय ये खुद को बचाते हैं वह इतनी मजबूत होती है कि बंदूक की गोली से भी उन्हें कुछ नही होता है ।
आर्माडिलो वैसे तो बहुत ही छोटे जीव है इनका आकर लगभग 5 इंच से 59 इंच तक हो सकता है, तथा इनका वजन 100 ग्राम से लेकर 55 किलो तक हो सकता है। यह जीव कीड़े, चीटियां, छोटे पौधे आदि खा के अपनी जीविका गुजरा करते है, इनके पैर इतने मजबूत होते है जिनसे ये अपने खुराक के लिए चीटियों के टीलों को खोद के उन्हें बाहर निकल के खाते है ।आर्माडिलो की नज़र बहुत ही कमजोर होती ,वह शिकार के दौरन अपने शिकार को शुंघ या महसूस कर के पता लगता है।आर्माडिलो गर्म या बरसाती इलाके में रहने वाला जीव है, ठंड़ी जगहों में इनका प्रजाति जीवित नहीं रह सकती है। अभी तक इनकी आबादी कितनी हैं ये अभी तक ठीक से मालूम नही किया जा सका है।
आर्माडिलो एक स्पेनिश शब्द है जिसका मतलब “छोटे रक्छा कवच वाला” यह जीव इस दुनिया में इक्लोऔता इस्तानधारी जीव है जो खतरा होते ही अपने शरीर को गेंदानुमाकर गोले में बदल कर अपनी कठोर शेल के अंदर छिपा लेता है ऐसा और किसी जीव में नाही पाया जाता है।
इनका जीवनकाल 12 से 15 वर्ष का होता है, और यह पूरे दिन में 18 घंटे सोते है , इसलिए ये भोजन के लिए सुबह या शाम को बाहर निकलते है। आर्माडिलो बहुत ही सतर्कता बरतने वाले जीव है जब भी इसे कोई खतरा महसूस होता हैं वैसे ही ये अपने आप को समेट के गेंदनुमाकर गोले में बदल लेता है या फिर ये जमीन में गड्ढा खोद कर उसमें छुप जाता है
आर्माडिलो का शिकार मुख्यतौर पर भेड़िया, मगरमच्छ, शेर, चिता , और सबसे ज्यादा इंसान करते हैं इसके मखमली त्वचा और कठोर शेल के लिए । हर साल कई आर्माडिलो सड़क दुर्घटना में मारे जाते है। सरकार ने इसके शिकार पर पाबंदी भी लगा रखी है परन्तु कई लोग फिर भी इसका शिकार करते है।
आर्माडिलो संभोग काल 3 से 4 महीने का होता हैं जो जुलाई- अगस्त में उत्तरी गोलार्ध में और नवंबर -जनवरी में दच्छिनी गोलार्द्ध में होता है। एक मादा आर्माडिलो अपने जीवन काल में 54 बच्चे को पैदा कर सकती है यही इनके तेजी से अपनी आबादी बढ़ाने का कारण हैं। आर्माडिलो अपने गर्भ में 4 महीने तक बच्चे को रखती है और जब बच्चा को जन्म देती है तो उस बच्चे का वजन लगभग 85 ग्राम का होता है। जन्म के 1 साल के बाद ही ये जीव यौन परिपक्व हो जाते है और हर साल अपने 12 से 15 साल के जीवन काल के लिए प्रजनन करते हैं।