दाँतो से कुछ काटते समय हमेशा निचले दाँत ही हिलते है ऐसा क्यों?…

मानव शरीर का सबसे मजबूत आंग उसके दाँत होते हैं जिसकी बनने की प्रक्रिया उसके जन्म से पहले गर्भ से ही शुरू हो जाती हैं । यह छोटे सफेद रंग के होते हैं । यह ज्यादातर प्राणियों में पाया जाता है । इसका उपयोग भोजन को काटने या चबाने के लिए किया जाता हैं। कई प्राणी इसका उपयोग शिकार करने के लिए भी करते है। दांतो का निर्माण हड्डियों से नाइ बल्कि अलग अलग घनत्व व कठोरता के ऊतकों से होता है।

हमारे जबड़ो की संरचना बहुत ही खास होती है इसमें ऊपर वाला जबड़ा स्थिर होता है तथा नीचे वाला जबड़ा ऊपर वाले जबड़े से एक जॉइंट के जरिये जुड़ा होता है जिसे विज्ञान की भाषा में temporomandibular joint कहते हैं, यही कारण हैं कि जब भी हम भोजन को काटते हैं या चबाते है तो हमारे नीचे वाले दांत ही हिलते है।
मनुष्य के शरीर में दो बार और दो प्रकार के दांत होते हैं, दूध के दांत या अस्थाई दांत और स्थाई दांत। स्थाई दांत चार प्रकार के होते हैं। छेदक, भेदक, अग्रचवर्णक, और चवर्णक। मुख में सामने की ओर या जबड़ो के मध्य छेदक दाँत होते है ये नुकीले आकर के होते हैं तथा ये आठ होते चार ऊपर और चार नीचे की तरफ, इसके बाद भेदक दांत आते हैं ये चार होते हैं ये छेदक दांत के चारो तरफ एक-एक होते हैं इनका आकर लंबा और शंकु के आकार का होता हैं, अग्रचवर्णक ये आठ होते हैं ये भेदक के पीछे दो-दो की संख्या में होते हैं इनका आकर भेदक से छोटा होता है इनका शिखर आगे से पीछे की ओर सिमटा होता है, अब बारी आती हैं चवर्णक कि ये स्थाई दाँतो में सबसे बड़ा, चौड़ा तथा शिखर युक्त होता है यह भोजन को चबाने में सबसे अहम होता हैं इनकी संख्या 12 होती है ये तीन -तीन की जोड़ी में अग्रचवर्णक के पीछे होते हैं।
दूध के दांत या अस्थाई दांत रचना की दृष्टि में ये स्थाई दांत के समान ही होते हैं परंतु ये स्थाई दांत से छोटे होते हैं। मनुष्य में स्थाई दांतो की संख्या कुल 32 होती है।


मनुष्य में दंतविकास एक जटिल प्रक्रिया है जिसके द्वारा दाँतो का निर्माण होता है और वह बाहर निकल के दिखाई देते है। गर्भस्थ जीवन के छठे सप्ताह में मैक्सिलरी और मिंडीबुलर चंपा को ढकने वाली उपकल में दांत बनते हैं। अर्थात बच्चे के जन्म के छठे महीने से उसके दाँत उगने लगते हैं और ढाई वर्ष तक बीस दांत आ जाते हैं। होल्ट ने कहा है कि एक वर्ष के बालक में छः और ढेड़ वर्ष के बालक में बारह और दो बर्ष के बालक में बीस दांत होते हैं। और छठे वर्ष से सभी बालक के दूध के दांत गिरना आरम्भ होने तक जबड़ो में 24 दांत हो जाते हैं जिसमें दस दूध के दांत और बाकी सभी स्थाई दांत के अंकुर होते हैं।
दांत जीवन भर काम आने वाला एक अभिन्न आंग हैं, इसका हमे शरीर के ओर अंगों की तरह ख्याल रखना चाहिए। हमें अपने दांतों के ख्याल रखने के लिए साल में दो बार दांत चिकित्सक के पास जाना चाहिए ताकि हमारे दांत स्वास्थ्य व सुरक्छित रहे।

Amit Shrivastava

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