पंछियों का इंजीनियर…..

अगर आपको घर बनाना हो तो आप किसी इंजीनियर या कोई आर्केटेक के पास जाएंगे , पर क्या आप जानते है हैं इस दुनिया में एक ऐसा जीव भी जो न ही स्कूल गया न ही कोई टीचर फिर भी दुनिया का बेस्ट इंजीनियर है, जी हम बात कर रहे एक ऐसे पछी की जो अपना घोंसला बहुत ही अनोखा बनाता है उस पछी का बायां वेअवर है।
बया गौरैया की तरह के पंछियो की एक प्रजाति हैं जो गौरैया की तरह मनुष्य के घरों में न रहकर पेड़ की टहनियों में लटकता हुआ सुन्दर घोसला बनाकर रहती हैं। यह समूह में रहना पसंद करती हैं क्योंकि इसकी वजह से इसके बच्चों को परभछियो से सुरक्षा प्रदान होती हैं। यह अपने घोंसले बस्ती के रूप में बनती हैं और प्रजनन काल में एक ही पेड़ में कई घोंसले एक साथ देखने को मिलते हैं। इस तरह रहने को ‘संख्या में सुरक्षा’ से है।

Baya Weaver protecting his nests.

बया पछी समूह में रहना पसंद करती हैं और काफी शोरगुल करती हैं, यह अपने घोंसले पानी के निकट बनाती हैं या फिर उन टहनियों में बनती हैं जो पानी के ऊपर होती हैं। आम तौर पर ये कांटेदार या ताड़ के पेड़ मैं अपना घोंसला बनाना पसंद करती हैं क्योंकि इसकी वजह से इसके बच्चों को परभछियो से सुरक्षा प्रदान होती हैं। यह अपने घोंसले बस्ती के रूप में बनती हैं और प्रजनन काल में एक ही पेड़ या आस-पास के पेड़ में कई घोसला एक साथ देखने को मिलता हैं।

Black breasted weaver bird with nesting material.

घोसले बनाने में बयां पछी का कोई जोड़ी दर है , घोसले बनाने से पहले यह जगह का चुनाव करती है जगह मिल जाने के बाद फिर ये घोसले बनना शुरू करती है, बया पछी में नर पछी को घोसले बनाने का गुण होता हैं, यह घोसले बुनने के लिए घास का तीनका का उपयोग करती हैं।
घोसला बनाने में एक बया पछी को 18 दिन लगते है इस दौरान ये 500 बार तिनके के लिये उड़ती है, और इसे एक घोसले के लिए 1000 से भी ज्यादा तिनके का इस्तेमाल करती हैं, घोसले बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले तिनके को गांठ बाधना होता है और ऐसा करने वाला ये दुनिया का इकलौता पछी हैं। इसके बाद होता घास को गोलाकार लपेटना होता हैं जब घोसला आधा बनता हैं तो इसका आकार हेलमेट की तरह दिखता हैं ।इनके घोसले का आकार शंकुकार होता हैं, तथा ये पेड़ की टहनियों से लटके होते है ये पंछी प्रजनन काल के दौरान कॉलोनी बनाकर रहना पसंद करते हैं, और मादा की कमी के कारण प्रजनन काल के दौरान नर पछी कई घोसलों को तोड़ देते है इसलिए प्रजनन काल खत्म होने तक इनके कुछ ही घोसले बचे होते हैं।
बया पछी को लाइट बहुत पसंद होती है इसलिए ये अपने घोसलों में जुगनू को चारों तरफ लगाते है जो रात में जगमगाते हुए बहुत ही सुंदर दिखते है ऐसा करने वाला ये दुनिया का इकलौता पच्छी है। बया पछी बहुत ही अनोखा पछी हैं जिसकी घोसला बनाने की काबलियत किसी इंजीनियर से कम नही है।

Amit Shrivastava

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