दुनिया के पहले परमाणु बम…..

फैट मैन और लिटिल बॉय युद्ध में इस्तेमाल किये गए पहले और केवल दो परमाणु बमो के लिए दिए गए नाम हैं। लिटिल बॉय 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा में गिरा था। फैट मैन को नागासाकी शहर के ऊपर तीन दिन बाद विस्फोट किया गया था। ये दो हथियार हज़ारो अमेरिकियों के जीवन को बचाने और दूसरे विश्व युद्ध को विजयी अंत तक लाने में महत्वपूर्ण थे । इन हथियार प्रणालियों के डिज़ाइन प्रयोगात्मक थे, और तकनीकी रूप से अद्धभुत थे। यह पहले दो डिजाइन थे जिन्होंने भविष्य के वैज्ञानिक के लिए उन हथियारों का निर्माण करने का मार्ग प्रशस्त किया जो इन दोनों हथियारों के विनाशकारी बल से 200 से 300 गुना अधिक थे।

फैट मैन डिवाइस का डिजाइन मूल रूप से गैज़ेट नामक एक प्रयोगिक परीक्षण संस्करण के समान था। विस्फोटक लहर को आकार देने वाली तकनीक और प्रणाली की जटिलता के नयेपन के कारण फैट मैन बम का परीक्षण आवश्यक माना गया। पहला सोवियत परमाणु बम जिसका कोड नाम RSD-1 है फैट मैन के डिजाइन के समान हैं। इसका कारण यह हैं कि डिजाइन की जानकारी सोवियत खुफिया जासूस के द्वारा दिया गया था जिन्होंने लॉस एलमोस में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए काम किया था।
फैट मेन की मूल संरचना 6 संकेंद्रित नेस्टेड छेत्रों की एक श्रृंखला पर आधारित हैं। सबसे पहले बाहरी विस्फोटक लेन्स सिस्टम था, इसके बाद अवशोषक शेल, यूरेनियम रिफ्लेक्टर शेल, प्लूटोनियम पिट और अंत में सबसे भीतरी शेल न्यूट्रॉन सर्जक।
शेल सिस्टम मूल रूप से एक प्रत्यारोपण उपकरण के रूप में काम करता हैं। बाहरी आवरण उच्च शक्ति वाले विस्फोटक से बना था जब विस्फोट किया गया आंतरिक गोले को संकुचित किया और यूरेनियम को चार्ज किया। विस्फोट के दौरान न्यूट्रॉन के अस्थिरता की समस्याओं को कम करने के लिए रॉबर्ट क्रिस्टी द्वारा डिजाइन का सुझाव दिया गया था।

लिटिल बॉय का डिजाइन बहुत ही खतरनाक और असुरक्षित था, एक बार इसे लोड कर के इसको निशाना दे दिया जाता था तो उसके बाद यह हल्का सा भी गर्म होने के बाद कभी भी फट सकता था, इसी कारण से इसको जमीन पे लोड नही किया जाता था, इसलिए बॉम्बर पहले इसका कॉर्डिनेट तय करता था फिर उसके बाद इसे लेकर उड़ता था ताकि दुर्घटना के समय यह हवा में ही फाटे। यह पूरा हथियार 126 इंच लंबा और इसका व्यास 28 इंच का था इसका वजन 8900 पौण्ड था।
फैट मैन और लिटिल बॉय दोनो ही हवा से वार करने वाले परमाणु बम थे। लिटिल बम की तरह इतिहास में दूसरा और कोई बम विस्फोट नही किया गया, मात्र 5 और लिटिल बम को बनाया गया था, लेकिन उनमें एक एक भी अमरीकी सेना में शामिल नही किया गया। क्योंकि इसका डिजाइन बहुत ही अइस्थिर था और इसका लागत भी ज्यादा था।
फैट मैन और लिटिल बॉय दोनों की डिजाइन में बहुत सी कमिया थी और ये बहुत ही मंहगी होने के कारण देश के इकोनॉमी में बहुत बड़ा झटका देती है और साथ ही इसके नुक्लेअर फ्यूज़न से कई अनवांछित घटनायें हो जाने का खतरा बना रहता था। यह एक बेसिक डिजाइन पर बना बम था जिसे वैज्ञानिक कुछ सुधार के साथ एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ नई न्यूक्लियर मिसाइल बना रहे है।

Amit Shrivastava

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