मुंह में बनने वाली लार हमारी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है इस बारे में हम कभी ध्यान ही नहीं देते लेकिन अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो मुंह का स्वाद बरकरार रखने से लेकर कई बीमारियां और संक्रमण का ख़तरा हो सकता है हमारा शरीर 1 दिन में करीब डेढ़ लीटर तक लार बनाता है लार बनाने के ऐसे फायदे जो आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्या से बचाए रखने में मददगार हैं।

कैंसर से लड़ने में मदद करती है लार, जापान के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन ने माना कि मुंह में मौजूद लार कार्सिनोजेन में मौजूद सुपर ऑक्साइड फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं जिससे कैंसर होने का रिस्क कम होता है। भोजन को रोज 30 मिनट तक चबाकर खाने से मुंह में लार बनती है जो खाते वक्त ही कैसीनो जैनिक तत्व को खत्म करने में मदद करती है। कार्सिनोजेन डाइट के हानिकारक तत्वों के संक्रमण से लार ना सिर्फ मुंह को साफ करती है बल्कि 30 मिनट तक पेट में भी यह प्रक्रिया चलती है। लार में सोडियम, पोटैशियम, फास्फेट, कैल्शियम, प्रोटीन, ग्लूकोज जैसे तत्व होते हैं जो दांतो को मजबूत बनाते हैं। इसमें मौजूद एंटीबायोटिक दांतों को हानिकारक संक्रमण से बचाते हैं जिससे दांत शडटे नहीं। यह दातों पर सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
लार मुंह में भोजन के कणों को तोड़ने में मदद करती है जिससे खाने को पचाने में आसानी होती है। अगर शरीर में लार की कमी हो जाए तो भोजन निगलने में मुश्किल हो जाता है और पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। लार में सलाइवा पैरोटिड ग्लैंड हार्मोन पाई जाती है जो त्वचा से उम्र के प्रभाव को कम करते हैं और आप लंबे समय तक युवा देख सकते हैं। लार में लाइसोजाइम नामक एंटीबैक्टीरियल तत्व और इम्यून प्रोटीन होते हैं जो मसूड़े और गले को कई प्रकार के हानिकारक संक्रमण से बचाते हैं।
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के मुंह में प्रतिदिन 1000 से 1500 मिलीलीटर लार बनती है। जो मुंह में मौजूद कैविटी हानिकारक बैक्टीरिया और बारीक भोजन के कणों को साफ करने में मदद करती है। जिस तरह किसी शारीरिक समस्या का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है उसी तरह लार के टेस्ट से भी सेहत का हाल पता चल सकता है खासतौर पर एचआईवी के इलाज में लार के टेस्ट का बहुत महत्व है। वैज्ञानिक डायबिटीज, दिल के रोग और कैंसर जैसे रोगों का लार से परीक्षण करने की कोशिश कर रहे हैं।
डच शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि लार की मदद से किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग या चोट से रिकवरी आसान होती है। या मुंह में होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में मदद करती है और चोट वाले भागों को संक्रमण से बचाती है। साथ ही इसका इस्तेमाल चोट लगे हुए हिस्से में सफाई के लिए भी कर सकते हैं। कई बार मुंह में लार कम बनने से भी सांसों में बदबू की समस्या हो सकती है मुंह में रह गए भोजन के कारण और बैक्टीरिया कई बार इंफेक्शन पैदा कर देते हैं जिससे भी सांसो में बदबू आती है लार इन कणों और बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है। लार बनने से मुंह और गले में नमी बरकरार रहती है जिसकी वजह से हम बोलने मैं आसानी होती है। हां बहुत अधिक लार बनने से जरूर बोलने में दिक्कत हो सकती है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।