हिरन स्तनधारी जीवो की श्रेणी में आने वाला प्राणी है, यह आमतौर पर घास के मैदानों में पाया जाता है। हिरन स्वभाव से बेहद चंचल वह दिखने में बेहद आकर्षक जीवो की श्रेणी में आता है। आमतौर पर हिरण को डरपोक किस्म का जानवर कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं खतरा महसूस होने पर या तो हिरण गोली की रफ़्तार से भाग जाते हैं। या फिर यह जानवर डटकर दुश्मन का मुकाबला करता है।

हिरण लगभग पूरे संपूर्ण विश्व में पाए जाने वाला प्राणी है। और यह एक सामाजिक प्राणी है, जो परिवार बनाकर रहता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी स्तनधारी जीवो में हिरण की आंखें सबसे बड़ी होती है। यह बेहद खूबसूरत होती है, हिरण के सींग बेहद मजबूत होते हैं। जिसके वार से यह शेर जैसे जीव की हड्डी को भी तोड़ सकता है। क्या आप जानते हैं, नर हिरण मादा हिरण को अपने सिंघो के द्वारा आकर्षित करता है। हिरण की आंखें 300 डिग्री तक देख पाने में सक्षम होती है। हिरण का रंग हल्का भूरा और उसके शरीर पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं। हिरण भोजन के रूप में घास, हरी पत्तियां इत्यादि खाते हैं। यह संपूर्ण रूप से शाकाहारी जीव होते हैं। मादा हिरण बसंत ऋतु में बच्चों को जन्म देती हैं, और यह एक समय में 1 से 2 बच्चों को जन्म दे सकती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी जन्म से कुछ समय बाद ही हिरण का बच्चा उठकर चलने लगता है। क्या आप जानते हैं, हिरण का बच्चा 1 साल तक अपनी मां की छाया में ही रहता है। अर्थात उसकी माँ ही उसकी देखभाल करती है। हिरण में कूदने की गजब की कला होती है, और यह एक कूद में 10 फीट की दूरी तय कर सकता है। हिरण की सुनने की शक्ति भी गजब की होती है, और यह कम से कम आहट को भी सुन सकता है। जो इंसानों के द्वारा सुनना असंभव है। एक स्वस्थ हिरण का जीवनकाल 18 से 20 साल का होता है।

पूरी दुनिया में हिरण की लगभग 60 प्रजातियां पाई जाती हैं। हिरण आकार में बहुत छोटे और बहुत बड़े भी हो सकते हैं। इनकी ऊंचाई प्रजाति के अनुसार 12 इंच से 7 फीट तक हो सकती हैं।पोटू नामक प्रजाति में सबसे कम ऊंचाई वाले हिरण पाए जाते हैं। यह सिर्फ 12 से 17 इंच ऊंची होती हैं, और इनका वजन केवल 9 किलो के आसपास होता है। भारत में सबसे छोटे हिरण की प्रजाति को माउस डियर कहा जाता है।

हालांकि इसे छत्तीसगढ़ में देखा गया है। इससे पहले इसे एक विदेशी नागरिक द्वारा सन १९०५ में देखा गया था। माउस डियर बेहद शर्मीले प्रजाति के होते हैं, और इनकी लंबाई बमुश्किल 15 इंच होती है। इसे सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन के नाम से भी जाना जाता है। वही सबसे बड़ी हिरन की प्रजाति के बारे में बात करें तो इस प्रजाति को मूस या एलक कहा जाता है। इनकी ऊंचाई 6.5 फीट और वजन 820 किलो तक हो सकती है। इससे पहले सबसे बड़ी हिरण प्रजाति आयरिश थी,जो 11000 साल पहले विलुप्त हो गई। इसके कंधे तक की ऊंचाई 7 फीट और एंटलर को मिलाकर 12 फीट हुआ करती थी। हिरण की केवल एक प्रजाति ही अफ्रिका में रहती है। जिसे लाल हिरण कहते हैं। नर हिरण के सिर पर हर साल नए एंटलर उगते हैं। एंटलर दुनिया का सबसे तेज गति से उगने वाला उत्तक (टिशू) है। हिरण के गर्भ अवस्था का समय आकार के अनुसार भिन्न होता है। आमतौर पर हिरन जितनी बड़ी होती है, उतना ही लंबा उनका गर्भावस्था होता है। हिरन के बच्चे अपने जन्म के आधे घंटे के भीतर चलना शुरू कर देता है। अधिकांश हिरण सफेद धब्बों के साथ पैदा होते हैं, लेकिन 1 साल के अंदर यह दाग खत्म हो जाते हैं।