काला नमक हमारे सेहत के लिए फायदेमंद :-

काला नमक

हमारे रसोई घर में ऐसे कई खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं जिनके औषधीय फायदे से हम अनजान रहते हैं। काला नमक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। काला नमक खाने के फायदे के बारे में जानने के बाद आप इसका उपयोग नियमित रूप से शुरू कर देंगे। इसे कई नामों से जाना जाता है ,जैसे ब्लैकसाल्ट ,पिंक साल्ट, रॉक साल्ट आदि। हिमालय से प्राप्त किए जाने की वजह से इसे हिमालयन रॉक साल्ट भी कहा जाता है। ज्यादातर काला नमक का उपयोग दक्षिण एशिया में किया जाता है। आयरन और अन्य खनिजों की वजह से इसका रंग गुलाबी होता है।

काला नमक

दुनिया का सबसे पहला काला नमक भारत मैं बनाया गया था। काले नमक में मुख्यता सोडियम क्लोराइड होता है। इसके अतिरिक्त इसमें सोडियम सल्फेट आयरन सल्फाइड हाइड्रोजन सल्फाइड आदि की कुछ मात्रा भी मिश्रित होती है सोडियम क्लोराइड के कारण ही यह नमकीन स्वाद देता है आयरन सल्फाइड के कारण इसका गहरा बैंगनी रंग दिखता है और सभी सल्फर लवण इसके विशिष्ट स्वाद और गंध के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें से हाइड्रोजन सल्फाइड मुख्यता इसके गंध का कारण है। प्राकृतिक में यह चट्टानों से प्राप्त होता है। यह चट्टाने मुख्यता भारत-पाकिस्तान में पाई जाती है काले नमक का सबसे अधिक उपयोग भारत में होता है। काला नमक को बनाने के लिए नमकीन पानी में हरड़ के बीच डालकर उबाला जाता है उबालने के बाद पानी तो भाप बनकर उड़ जाता है, बस बीज क्रिस्टल के रूप में बच जाता है, क्रिस्टल नमक जिसका रंग काला होता है, इसलिए इसका नाम काला नमक है।

काला नमक का खदान

जब इसे पीसा जाता है तब इसका पाउडर गुलाबी हो जाता है। रासायनिक रूप से काला नमक सोडियम सल्फाइड होता है। जिसमें कुछ मात्रा में खनिज लवण भी होते हैं। इसका उत्पादन सोडियम फास्फेट के निर्माण के दौरान एक बायो प्रोडक्ट के तौर पर भी होता है। इस को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ठंडी तासीर ऐसा माना जाता है। और इसका प्रयोग एक रेचक और पाचन सहायक के रूप में किया जाता है। यह माना जाता है कि यह पेट की गैस और पेट की जलन में राहत प्रदान करता है। इसे कभी-कभी उच्च रक्तचाप या कम नमक का आहार लेने वाले व्यक्ति भी प्रयोग करते हैं। लेकिन यह माना जाता है,कि इसमें आम नमक की तुलना में कम सोडियम होता है। और यह रक्त में सोडियम की मात्रा में वृद्धि नहीं करता है।

काला नमक से सेहत को फायदे :-

इसे खाने से हमारे सेहत भी अच्छा रहता है। हरड़ के बीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा में कामोत्तेजक माना जाता है। और यह रक्तचाप को कम करने और जलन में मदद करता है। इस आशय का कारण हरड़ के बीजों का सल्फ्यूरिक योगिक है। जो निर्माण प्रक्रिया के दौरान काला नमक का हिस्सा बन जाते हैं। इस के अंडे जैसे स्वाद के चलते शाकाहारी लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। उदाहरण के लिए इसका इस्तेमाल मसाला टोफू को अंडा सलाद बनाने देने के लिए किया जाता है।

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Amit Shrivastava

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