लाई-फाई ,वाई-फाई की जगा लेने आ गया :-

वाई-फाई से 100 गुना तेज एक सेकंड में 1GB डाटा ट्रांसफर ,बदल जाएगी इंटरनेट की दुनिया, जाने कैसे काम करेगी लाइ फाई। इंटरनेट से फिल्म डाउनलोड करने के शौकीन लोगों के लिए एक बढ़िया खबर है, एक फिल्म डाउनलोड करने के लिए आपको मिनटों का नहीं बस सेकेंडो का इंतजार करना होगा। यह मजाक नहीं बल्कि सच बात है। क्योंकि यह वाईफाई से 100 गुना तेज इंटरनेट सेवा देने के लिए लाई-फाई तकनीक ने दस्तक दे दी है।

इस सेवा की छमता इतनी है कि 1 सेकंड में 1GB डाटा कंप्यूटर और मोबाइल में ट्रांसफर कर सकता है। हाल ही में लाई-फाई को लेकर प्रयोगशाला में हुए एक सफल शोध के बाद यह दावा किया जा रहा है।
दरअसल लाइ फाई एक वायरलेस तकनीक से जो विजिबल लाइट कम्युनिकेशन का उपयोग करती है। और यह जल्द ही बाजार में दस्तक देगी। वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में लाई फाई के जरिए 224 गीगाबाइट प्रति सेकेंड की रफ्तार हासिल करने का दावा किया है। इस तकनीक( फास्ट इंटरनेट टेक्नोलॉजी) को बनाने वाली कंपनी वेल्मेन्नी के सीईओ दीपक सोलंकी ने बताया कि उनकी यह तकनीक लेटेस्ट इंटरनेट टेक्नोलॉजी पर आधारित परियोजनाएं इंडस्ट्री में लाने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह ना सिर्फ कम खर्चीला है, बल्कि लाइ-फाई का विकल्प खोजना भी भविष्य में आसान नहीं होगा।

लाई-फाई वर्क्स


लाई-फाई कैसे काम करती है :-

लाई फाई तकनीक में एलईडी बल्ब के जरिए इंटरनेट एक्सेस किया जाता है। एलईडी बल्ब में एक माइक्रो चिप लगाई जाती है, वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तकनीक वाईफाई के मुकाबले सुरक्षित है। इससे एलईडी की रोशनी दीवार को पार नहीं कर पाती है। यह तकनीक बाइनरी कोड में ट्रांसलेट होती है। इस तकनीक में डाटा ट्रांसफर के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगों की जगह विजिबल लाइट कम्युनिकेशन या इंफ्रारेड /अल्ट्रा वायलेट तरंगों का इस्तेमाल लेती है। यह नई तकनीक 400 से 800 HZW के बीच के विजिबल लाइट का इस्तेमाल करती है। एलईडी बल्ब को स्विच ऑन या ऑफ करने से इसका उपयोग किया जाएगा। जैसे कि यह पूरी प्रक्रिया चंद सेकंड में होगी इसीलिए इसे आंखों से नहीं देखा जा सकेगा। सुरक्षा के लिहाज से लाई जा रही इस तकनीक की सबसे अच्छी बात यह है कि यह हैकिंग जैसी समस्याओं को रोकने में कारगर होगी।
पिछले 2 सालों तक इस तकनीक पर कई वैज्ञानिक काम कर रहे थे। अब इस तकनीक को पहली बार टेस्टिंग लैब से बाहर प्रयोग किया है। जहां इसकी कनेक्टिविटी स्पीड 1gbps टेस्ट की गई है। गौरतलब है कि ज्यादातर आम वाईफाई राउटर में 100 एमबीपीएस की कनेक्टिविटी स्पीड होती है।

लाई-फाई

इससे इंटरनेट की स्पीड ना समझे यह कनेक्टिविटी स्पीड है। कई बार लोग डिवाइस के कनेक्टिविटी स्पीड को इंटरनेट स्पीड समझने की भूल करते हैं। उदाहरण के तौर पर वाईफाई राउटर की कनेक्टिविटी स्पीड 100 एमबीपीएस होती है। जिसका मतलब राउटर से आपको स्मार्टफोन या लैपटॉप 100 एमबीपीएस स्पीड से कनेक्ट हो रहा है। जबकि इंटरनेट स्पीड वह है जो सर्विस प्रोवाइडर आपको देते हैं। वैसे ही लाइ-फाई कि 1gbps स्पीड को इंटरनेट स्पीड ना समझे। क्योंकि यह राउटर से आपके डिवाइस के बीच की कनेक्टिविटी की स्पीड है। इससे आपके इंटरनेट स्पिड पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। और नेटवर्किंग में होगा फायदा या तकनीक शुरू हो जाती है। तो इससे लोकल नेटवर्क में काफी फायदा होगा जहां से सभी कंप्यूटर से कनेक्ट होते हैं इंडस्ट्री में पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं ताकि यूज किया जा सके।

Amit Shrivastava

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