आइए जानते हैं बृहस्पति ग्रह के बारे में :-
बृहस्पति ग्रह को जुपिटर ग्रह के नाम से जाना जाता है। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इस ग्रह का नाम रखा था। जुपिटर ग्रह सबसे पुराना ग्रह है। और इसके जरिए पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में पता लगाया जा सकता है, बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का ‘वेक्यूम क्लीनर’ भी कहा जाता है| जो पृथ्वी को विनाशकारी होने से बचाता है। बृहस्पति ग्रह सूर्य से पांचवा और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे गैस का दानव भी कहते हैं क्योंकि बृहस्पति ग्रह गैसों से भरा हुआ है। और यह ग्रह पीले रंग का दिखाई देता है।
हम जानते हैं, कि बृहस्पति हमारी आकाशगंगा का सबसे बड़ा ग्रह है। यह इतना बड़ा है कि यदि शेष सभी ग्रह को आपस में जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति ग्रह से छोटा ही रहेगा।
आइए जानते हैं बृहस्पति ग्रह के कुछ रोचक तथ्य :-

खगोल शास्त्रियों का मानना है, कि इसमें 90% हाइड्रोजन 10% हिलियम और कुछ मात्रा में मीथेन,पानी,अमोनिया,और चट्टानी कणों से मिलकर बना हुआ है| जिसे धातु हाइड्रोजन कहा जाता है इस बृहस्पति के इस धातु के कारण ही बृहस्पति का चुंबकीय बल अधिक है| इस बृहस्पति के चुंबकीय शक्ति पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति से कम से कम 14 गुना अधिक है।
1.बृहस्पति एक ठंडा ग्रह है :- बृहस्पति बहुत ही ठंडा ग्रह है,इसका औसत तापमान -145 डिग्री सेल्सियस है।
2.बृहस्पति ग्रह की कोई जमीन नहीं है या पूरी तरह गैसों के बादलों से बना है।
3.बृहस्पति पर पाया जाने वाला लाल धब्बा एक बहुत बड़ा तूफान है जो कम से कम 350 सालों में उफान पर है यह तूफान इतना ज्यादा बड़ा है कि इसमें तीन पृथ्वी भी समा सकती है
4.बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 11 गुना भारी है,और इसका द्रव्यमान 317 गुना ज्यादा है।
5.बृहस्पति ग्रह पर हमारा वजन अपने वजन से 3 गुना भारी होता है! जैसे पृथ्वी पर हमारा वजन अगर 50Kg है। तो बृहस्पति पर हमारा वजन 150Kg होगा। बृहस्पति का आकर्षण बल ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है बृहस्पति का वजन हमारी धरती के वजन से 318 गुना अधिक है। और बृहस्पति का व्यास हमारी धरती के व्यास से 11 गुना अधिक है।
6.बृहस्पति ग्रह पर आज तक 7 यान भेजा जा चुका है।
7.बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा,गेनीमेड, हमारे पूरे सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है।
8.आपको बता दें कि बृहस्पति सूर्य से पांचवा और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
9.अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा।
10.सोलर सिस्टम का चौथा सबसे ज्यादा चमकने वाला ग्रह है। इसके अलावा जो अन्य ग्रह चमकते हैं वह सूर्य, चंद्र और शुक्र।
11.बृहस्पति के वायुमंडल और सतह पर मुख्य रूप से हाइड्रोजन, हीलियम और अन्य तरल पदार्थ का विशाल भंडार हैं
12. बृहस्पति ग्रह का आंतरिक व्यास: 139,822 किमी और ध्रुवीय व्यास: 133,709 किमी है।
13.बृहस्पति गृह को पृथ्वी से नंगी आँखों के द्वारा भी देखा जा सकता है कोई भी लेंस की जरुरत नहीं पड़ती है।
ऐसे ही और रोचक बातें जानने के लिए factgyan.net से जुड़े रहे।