भारत ने सन 1947 से लेकर 1950 तक बिना राष्ट्रगान के झंडा फहराया क्यो ?

  • भारतवासी 15 अगस्त के दिन को कभी नहीं भूल पाएंगे ! क्योंकि  उस दिन हमारा भारत आजाद हुआ था। और हम उस दिन से आज तक हम स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करते हैं। क्या आपको पता है, भारत में पहला ध्वजारोहण किसने और कहां किया था ? तथा जब पहली बार झंडा फहराया गया था तो राष्ट्रगान नहीं गया गया था क्यों ! आइए आज हम आपको बताते हैं।

हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं। लेकिन 15 अगस्त 1947 को ऐसा कुछ नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।

15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिल गई, लेकिन  16 अगस्त को लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया गया।  इस वक्त हमारा कोई राष्ट्रगान नहीं था। जो गाया जाता हालांकि वर्तमान राष्ट्रगान,जन-गण-मन रविंद्र नाथ टैगोर ने साल 1911 में ही लिख दिया था। लेकिन तब तक इसे राष्ट्रगान का दर्जा नहीं मिला था। 1950 में जाकर ये राष्ट्रगान बना और इसे तिरंगा फहराने के बाद सम्मान में गाया जाने लगा।

राष्ट्रगान लिखने वाले देश के नोबेल पुरस्कार प्राप्त राष्ट्रकवि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर थे। उन्होंने वर्ष 1911 में ही इस गीत की रचना की थी। उन्होंने पहले राष्ट्रगान को बंगाली में लिखा था। बाद में आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में रूपांतरण किया था। 24 जनवरी 1950 को आजाद भारत के संविधान सभा ने इसे अपना राष्ट्रगान घोषित किया था।

रविंद्र नाथ टैगोर ने 1911 में राष्ट्रगान के गीत और संगीत को रचा था। जिसे पहली बार साल 1911 में 27 दिसंबर के दिन कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था।

15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली थी तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इसमें शामिल नहीं हुए थे! क्योंकि उस समय वह दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे। जहां सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं हुई थी। और राष्ट्रपिता उस हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।

राष्ट्रगान गाने का नियम

राष्ट्रीय प्रतीकों और चिन्हों की तरह  राष्ट्रगान के सम्मान को बरकरार रखने के लिए कानून बनाया गया है। राष्ट्रगान आचार संहिता के तहत राष्ट्रगान गाते समय नियमों और नियंत्रण के समूचे को लेकर सरकार समय-समय पर निर्देश देती है। राष्ट्रगान को गाया जाने की कुल अवधि 52 सेकंड है। इसे 49 से 52 सेकंड के बीच ही गाया जाना चाहिए। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान के संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है। इसे प्रथम और अंतिम पंक्तियां भी  बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकंड का समय लगता है।

कभी आपके मन में यह विचार आया होगा कि ? भारत  की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख ही क्यों चुनी गई थी! आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
ब्रिटिश सांसद ने लाड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत की सत्ता, भारतीयों को हस्तांतरित करने का अधिकार दे दिया था। लॉर्ड माउंटबेटन को साल 1947 में भारत के आखिरी वायसराय के तौर पर नियुक्त किया गया था। और उन्होंने ही भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख का चयन किया था।

15 अगस्त को आजादी की तारीख मानकर भारत में हर वर्ष प्रधानमंत्री सुबह लाल किले से झंडा फहराते हैं।

suraj yadav

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