आज भारत में अस्सी प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन है। मोबाइल फोन की सबसे अहम या महत्वपूर्ण भाग सिम कार्ड होता है।इस के बिना मोबाइल फोन एक डब्बा कि तरह होता है।
इसका फुल फॉर्म सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (Subscriber identity module) होता है।
सिम कार्ड की जानकारी
पहले और अभी की कार्ड की आकार में बहुत अंतर है।पहले की आकार बड़ी होती थी और अभी तो बिल्कुल चिप के आकार की होती है यह सिम कार्ड।
सिम कार्ड के कितने प्रकार होते हैं?
GSM, CDMA, H+, VOLTE, LTE यह सभी इसके प्रकार होते हैं उनमें से दो का उल्लेख यहां किया गया है।जीएसएम (GSM)-Global system for Mobile communication. हिन्दी में इसे वैश्विक मोबाइल संचार प्रणाली कहते हैं।सबसे पहले 1970 में बेल लैबोरेट्री में बनाया गया था।इसमें डाटा भेजने की क्षमता 16 केबीपीएस से 120 केबीपीएस तक होता है।
सीडीएमए (CDMA)- Code-division multiple access. हिंदी में इसे कोड डिविजन मल्टिपल एक्सेस बोलते हैं।
क्या आपको पता है सिम कार्ड कैसे काम करता है?
सबसे पहले हमारा फोन आईएमएसआई नंबर को अपने नजदीकी नेटवर्क टॉवर के संपर्क में भेजता है।उसके पश्चात नेटवर्क टॉवर में पहले से ही ऑथेंटिकेशन की होती है जिसके मदद से टॉवर एक नंबर उत्पन्न करता है और उसे मोबाइल में भेजता है।फिर यह कार्ड के ऑथेंटिकेशन की से नेटवर्क वाले नंबर को मिलाता है। रैंडम नंबर मिल जाने के बाद कोई भी उपभोक्ता उस नेटवर्क का इस्तेमाल करने में सक्षम होता है।
आईएमएसआई क्या होती है?
प्रत्येक सिम में एक आईएमएसआई नंबर मौजूद होती है।वह नंबर 64 बिट की होती है। आईएमएसआई में एक ऑथेंटिकेशन की होता है जिसके जरिए हम किसी भी उपभोक्ता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या आप कार्ड में लिखी हुई नंबर के बारे में जानते हो?
तो हम इस नंबर को आईसीसीआईडी (ICCID) बोलते हैं। आखिर मोबाइल नंबर चालू या उपयोग में है या नहीं, तो इसकी जानकारी इसी नंबर से होती है।
एक सिम कार्ड में तीन प्रकार के नंबर होते हैं जैसे –
यूनिक सीरियल नंबर
आईसीसीआईडी
आईएमएसआई
कितने तरह के सिम उपयोग होते थे या होते हैं? साथ में उसकी आकार कितनी होती है यह भी जानेंगे।
स्टैंडर्ड मिनी सिम कार्ड (25 x 15 एमएम) :-
इसका इस्तेमाल 2010 से पहले के सभी फोनों में होता था।
माइक्रो सिम कार्ड (15 x 12 एमएम) :-
यदि देखा जाए तो अभी भी कुछ फोन में इस का उपयोग होता है।
नैनो सिम कार्ड (12.3 x 8.8एमएम ) :-
2019 के बाद अधिकतर फोन में इसी का इस्तेमाल होता है। हालांकि यह पहले से ही तीन भागों में बांटा रहता है। व्यक्ति अपने फोन के अनुसार इसका उपयोग करते हैं।
सिम कार्ड का हिंदी में क्या मतलब होता है?
यह एक तकनीकी शब्द होता है इसलिए इसकी हिंदी जानना उतना आवश्यक नहीं होता है।
हालांकि हमेशा ध्यान में रहना भी जरूरी होती है।
इसे हिंदी में हम उपभोक्ता पहचान या आधीग्राही सूचकांक भी बोलते हैं।
ग्राहक पहचान मॉड्यूल भी बोला जाता है।
सिम कार्ड का आविष्कार किसने और कब किया?
ऐसा माना जाता है कि सन् 1991 में Munich Smart Card Maker Giesecke And Devrient Me के द्वारा किया गया था।
आप क्या क्या काम कर सकते हैं इसकी की सहायता से?
किसी से बात कर सकते हैं।
इंटरनेट चला सकते हैं।
इंटरनेट चला सकते हैं।