यूरेनस का नाम ग्रीक देवता के नाम पर रखा गया है, ऐसा माना जाता है कि यूरेनस, शनि का पिता था!

13 मार्च 1781 को ब्रिटिश खगोल, विद विलियम हेर्शल ने सौर मंडल के सातवें ग्रह यूरेनस,जिसे अरुण के नाम से जाना जाता है। की खोज की थी यूरेनस एक ऐसा ग्रह है। जिसका नाम रोमन देवता पर नहीं! बल्कि ग्रीक सभ्यता के भगवान और उरेनोस पर रखा गया है। नीले हरे रंग के इस ग्रह का 80% द्रव्यमान, जल,मिथेन,अमोनिया, वाली बर्फ के तरल मिश्रण से बना है।

यूरेनस सूर्य से सातवें ग्रह दूर है। और चौथा सबसे बड़ा द्रव्यमान है।या बर्फ दिग्गजों का पहला एकमात्र ग्रह है। जो इसकी तरफ घूमता है। यह एकमात्र अन्य ग्रह है जिसे रोमन ईश्वर के नाम पर नहीं रखा गया है। इसका नाम आकाश की यूनानी देवता के नाम पर है।और ऐसा माना जाता है कि वह शनि ग्रह का पीता था

यूरेनस सूर्य से दूर सातवें ग्रह है।और इसकी सूर्य से दूरी 2,87,2500000 किलोमीटर है। नेप्चून के साथ इसकी सूचना और आकार के कारण, एक बार विशाल के रूप में वर्णित है। यूरेनस ना केवल हाइड्रोजन और हीलियम से बना है। बल्कि अमोनिया पानी और मिथेन जैसे तत्व भी है। इसका नीला रंग ऊपरी वायुमंडल में मीथेन से आता है। जो सूर्य से लाल बत्ती को अवशोषित करता है।।लेकिन नीले प्रकाश को दर्शाता है।यूरेनस के पृथ्वी के लगभग 14.5 गुना बड़े पैमाने पर है। जिससे यह चार विशालकाय ग्रहों में कम से कम बड़े पैमाने पर बना यूरेनस, को 27 चंद्रमा ज्ञात है। लेकिन अधिक हो सकता है।

8 ग्रहों में से सूर्य से सातवें नंबर पर आने वाला यह ग्रह, अरुण यानी यूरेनस सौरमंडल का ऐसा ग्रह है। जिसे टेलिस्कोप के माध्यम से ढूंढा गया था। और या सूर्य से वरुण नेपच्यून के बाद दूसरे नंबर पर सबसे दूर ग्रह में आता है। 1781 में मनुष्य द्वारा ढूंढे गए इस ग्रह के बारे में और भी कई रोचक तथ्य आपको बताते हैं।

यूरेनस ग्रह को पहली बार 1781 में विलियम हर्षल द्वारा एक ग्रह के रूप में देखा गया था। जिससे इसे एक दूरबीन का उपयोग करने वाला पहला ग्रह मिला। हर्षल मूल रूप से ब्रिटिश राजकुमार  था। यह एकमात्र ग्रह है जिसमें यूनानी देवता के नाम पर रखा गया है।रोमन पर नहीं!

अरुण  ग्रह पर बादलों की अनेक परतें पाई जाती है।सबसे ऊपर मिथेन गैस पाई जाती है। अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह एक मिथेन गैस की अधिकता तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती है।

आइए जानते है युरेनस ग्रह के बारे में कुछ रोचक तथ्य !

यूरेनस अरुण ग्रह को आधिकारिक रूप से 1781 में सर विलियम हर्षल द्वारा खोजा गया था।

अरुण ग्रह का नाम ग्रीक देवता के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि यूरेनस शनि का पिता था।

• यूरेनस ग्रह की खोज अंटार्कटिका महाद्वीप से पहले हुई थी।

इसकी सूर्य से दूरी लगभग 280 करोड़ किलोमीटर है।

• अरुण ग्रह का 1 साल सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगा समय, पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है।

अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणें को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट का समय लगता है।जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक है।

अरुण ग्रह का एक दिन पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है।

• अरुण ग्रह सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। यहां का न्यूनतम तापमान 224 डिग्री सेंटीग्रेड पाया जाता है।

अरुण ग्रह का व्यास 51118 किलोमीटर है।

• यूरेनस अरुण ग्रह सबसे दूर का ग्रह है,जिसे बिना दूरबीन के भी देखा जा सकता है।

यूरेनस के केवल दो मौसम होते हैं ग्रीष्म और सर्दी।

यूरेनस को अक्सर बर्फ के विशालकाय के रूप में जाना जाता है।

suraj yadav

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