रोनाल्ड वेन जो एप्पल के तीसरे को-फाउंडर थे। जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन्होंने एप्पल की शुरुआत में उसके 10 परसेंट शेयर महज 800 डॉलर यानी 52 हजार में बेच दिए। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा। कि आज इन 10 परसेंट शेयर की कीमत 35 अरब डॉलर है!
1 अप्रैल 1976 के दिन ही स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनिक और रोनाल्डो वेन एप्पल कंपनी की शुरुआत की थी। इसी दिन लोगों को पहली बार एप्पल के बारे में पता चला। एप्पल के इतिहास की शुरुआत है कैलिफोर्निया में स्टीव जॉब्स,के घर के गैराज से हुई। जहां जॉब्स और उनके साथी कंप्यूटर की टेस्टिंग करते थे। उनके पहले एप्पल कंप्यूटर को बाद में होम कंप्यूटर में पेश किया गया। यहां उनको 50 आर्डर मिले, इसी कंप्यूटर को 1 जुलाई 1976 में 666.66 में बेच दिया गया था।
एप्पल कंपनी के लोगों का पहला डिजाइन रोनाल्डो ने किया था। और पहला पार्टनरशिप एग्रीमेंट भी बनाया था। लेकिन उन्होंने 12 दिन बाद ही मात्र 800 डॉलर में अपने 10 फ़ीसदी हिस्से को बेच दिया। फाइनेंशियल रिस्क से बचने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया था।
एप्पल को छोड़ना रोनाल्ड वेन की सबसे बड़ी गलती !
आगे चलकर एप्पल छोड़ना उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। एप्पल दुनिया की सबसे महंगी कंपनी बन गई थी। और आज एप्पल आईफोन, आईपैड, मैकबुक,आईपैड,आइट्यूंस, स्मार्ट वॉच, जैसे कई प्रोडक्ट बनाती है। एप्पल इतनी मशहूर कंपनी हो गई है कि!एप्पल आईफोन को पाने की चाह में लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं। आज कंपनी की वैल्यूएशन करीब 35 अरब करोड़ रुपए है। अगर आज रोनाल्डो अपने 10 पर्सेंट शेयर के साथ एप्पल से जुड़े होते तो। उनकी नेटवर्क पचासी बिलियन डॉलर यानी 500000 करोड रुपए होती। जो कि मुकेश अंबानी की दौलत से दोगुनी है।

रोनाल्डो वेन कंपनी बनाने के कुछ हफ्तों के अंदर, एप्पल के 10% शेयर बेच दिए थे। इसके बाद एप्पल के एसेस्ट के बदले रोनाल को 1500 डॉलर और दिए गए थे। रोनाल्डो को लगता था कि वह स्टीव जॉब्स के साथ काम नहीं कर पाएंगे। उनको एप्पल कंपनी छोड़ने के 2 साल के अंदर कंपनी को भारी मुनाफा होना शुरू हो गया था। एप्पल कंपनी आज दुनिया की सबसे महंगी कंपनी में से एक है। अगर रोनाल्डो कंपनी नहीं छोड़ते रोनाल्डो वेन वर्ल्ड के सबसे बदकिस्मत इंसान नहीं कहलाते।
1976 में स्टीव जॉब्स स्टीव वोजनियाक के साथ, एक एप्पल कंपनी बनाने में रोनाल्डो वेन का सबसे बड़ा हाथ था। व्हेन जॉब्स और वेजनियक तीनों अटारी कॉरपोरेशन में एक साथ काम करते थे। जब जॉब्स के नई कंपनी बनाने के बारे में सोचा। रोनाल्डो वेन ने एप्पल कंपनी का पहला लोगो डिजाइन किया था। रोनाल्डो ने भले ही एप्पल कंपनी की स्थापना की हो लेकिन टेक एक्सपर्ट रह चुके वेन को 2011 से पहले कभी कोई एप्पल का इस्तेमाल नहीं किया 2011 में भी दोस्त एरार ब्लैक ने रोनाल्डो वेन को आईपैड टू गिफ्ट किया।
रोनाल्डो ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि उस समय वह 22000 डॉलर प्रति साल कमाते थे। अपने शानदार करियर को छोड़कर वह ऐसे स्थिती में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। कंपनी छोड़ने के बाद कुछ सालों तक जॉब्स और रोन वेन को वापस बुलाते रहे। लेकिन वेन ने उनकी बात नहीं मानी उस वक्त रोन को यह नहीं पता था कि! वह कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं।
एप्पल दुनिया की धीरे-धीरे सबसे बड़ी कंपनी बन गई। जिसके बाद को दुनिया की सबसे अनलकी इंसान कहलाने लगे। अगर देखा जाए तो वेन की मौजूदगी के बिना एप्पल का कोई अस्तित्व नहीं होता। लेकिन फिर भी रोनाल्डो वेन को बहुत कम लोग जानते हैं।