सिंधु नदी एशिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है ,जिसका उद्गम उत्तर भारत में हिमालयो से होता है।

सिंधु नदी

सिंधु नदी जिसे अंग्रेजी में इंडस रिवर के नाम से जाना जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप और एशिया की सबसे लंबी और प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी की लम्बाई लगभग २९०० किलोमीटर है।

उद्गम स्थान :-

 

इस का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा से इस का उद्गम हुआ है।

मानसरोवर झील कैलाश पर्वत के निकट है।

इस की  कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है इसकी भारत में लंबाई 710 किलोमीटर है।

मुहाना :-

 

इसका मुहाना  कराची बंदरगाह के निकट अरब सागर में गिरती है। यह नदी तिब्बत ,भारत और पाकिस्तान से होकर बहती है।

भारत के किन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश से होकर बहती है सिंधु नदी:-

१.लद्दाख

२.जम्मू कश्मीर

नदी के किनारे बसे भारतीय शहर:-

१. लेह 

२. जम्मू एंड कश्मीर

प्रमुख सहायक नदियां:-

झेलम नदी ,चेनाब नदी ,रावी नदी ,व्यास नदी , सतलुज नदी ,जंस्कार नदी ,शुरू नदी ,सुन नदी , श्योक नदी ,गिलगिट नदी ,स्वात नदी  आदि।

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सिंधु नदी की बात करें तो यह पाकिस्तान की सबसे लंबी तथा राष्ट्रीय नदी है।

इसे लाइफ लाइन ऑफ़ पाकिस्तान भी कहा जाता है।

प्राचीन भारत में सिंधु नदी कितना महत्त्व रखती थी इस बात का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है की प्रथम वेद और ऋग वेद में किसी न किसी तरह सिंधु शब्द 176 बार पाया जाता है।

भारत में सिंधु नदी के मार्ग की बात करें तो तिब्बत से भारत में प्रवेश करते ही देमचौक लद्दाख में पहुंचती है।

वहां से यह डुन्गतिक पहुंचती है, इसे आगे लेह पहुंचती है। लेह के बाद बटालिक कारगिल कश्मीर पहुंचती है।

उसके आगे बढ़कर गिलगिट के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश करती है।

सिंधु नदी से जुड़ी कुछ अन्य बाते :-

 

यह लगभग 1165000 वर्ग किलोमीटर के छेत्र को सींचती है।

हर साल इसमें 243 घन किलोमीटर पानी का बहाव होता है।

पानी की इतनी मात्रा दुनिया की सबसे लंबी नदी नील नदी से भी दुगनी है।

इस मामले में सिंधु नदी दुनिया की 21 वी सबसे ज्यादा बहाव वाली नदी है।

मौसम सिंधु नदी के प्रवाह को काफी प्रभावित करता है।

सर्दियों में जहां इसका पानी बहुत कम हो जाता है ,तो वही मानसून की वर्षा ऋतु में इसके किनारों पर बाढ़ आ जाती है।

समय-समय पर भूकंप और अन्य प्राकृतिक बदलावों के कारण सिंधु नदी के जलमार्ग  में बदलाव होता आ रहा है।

भारत का नाम सिंधु नदी पर रखा गया :-

 

भारत को अंग्रेजी में india कहा जाता है और यह नाम सिंधु नदी की वजह से ही पड़ा है।

ग्रीक और रोमन लोग सिंधु नदी को एंडोर्स या इंडस कहते थे तो उन्होंने भारत को इंडिया कहना शुरू कर दिया जिसका अर्थ होता है इंडस नदी का देश या कंट्री ऑफ द रिवर इंडस ।

हिंदुस्तान या हिंदू नाम भी इसी से ही पड़ा है क्योंकि पश्चिम से भारत आने वाले कई लोग सिंधु नदी को हिंदू नदी कहते थे।

तो उन्होंने इसके  पास रहने वाले लोगों को हिंदू कहना शुरू कर दिया और उनके देश को हिंदुस्तान।

इसका अर्थ होता है हिंदुओं का स्थान।

वर्तमान में भले ही हिंदुस्तान में कई और धर्मों के लोग भी निवास करते हैं लेकिन 1000 साल पहले भारत में केवल हिंदू धर्म ही हुआ करता था।

सिंधु घाटी सभ्यता :-

 

अब हम बात करेंगे सिंधु घाटी सभ्यता यानी इंडस वैली सिविलाइजेशन के बारे में।

जो की 3300 ईशा पूर्व या अब से 5000 साल से अधिक पहले की है।

यह विश्व की प्राचीन  घाटी सभ्यता में से एक प्रमुख सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहर जैसे हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्राचीन विश्व की कुछ सबसे बड़ी मानव बस्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पूर्वोत्तर अफगानिस्तान पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत तक फैली हुई है प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कार्यक्रमों में से एक थी और इन तीनों में से सबसे ज्यादा व्यापक और सबसे चर्चित सम्मानित पत्रिका में प्रकाशित धन्यवाद दोस्तों

Amit Shrivastava

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