टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन का नाम रतन टाटा है। वह 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे थे। रतन टाटा जी को टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेद जी टाटा ने बचपन में गोद लिया था, जिसके कारन बाद में चलकर रतन टाटा जी ने इस कंपनी की बागडोर संभाली। उन्होंने अपनी काब़िलियत के दम पर टाटा ग्रुप को नई ऊंचाईयों तक पंहुचा दिया। टाटा ग्रुप आज नमक से लेकर मोटर कार तक बनाती है। उनके ब्रांड पर आंख मूंद कर लोग भरोसा करते हैं।
1. रतन टाटा की पहली जॉब
उन्होंने ने सन 1961 में टाटा स्टील में पहली जॉब की थी। यहां पर उनका काम Blast Furnace और Shovel Limestone को संभालना था।
2. 21 साल की उम्र में बने चेयरमैन
वह 1991 में जब वो 21 साल के थे तब टाटा ग्रुप के चेयरमैन बन गए थे. उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. ये सब उनकी कमाल की लीडर शिप और बिज़नेस स्किल्स का ही नतीज़ा था.
3. कई बड़ी कंपनियों को किया टाटा ग्रुप में शामिल
उन्होंने टाटा ग्रुप में कई बड़ी कंपनियों का विलय करवाया. जैसे Land Rover Jaguar को टाटा मोटर्स में, Tetley को टाटा टी, Corus को टाटा स्टील में. इसकी बदौलत ही टाटा ग्रुप ने अभूतपूर्व समृद्धि हासिल की.
4. दादी मां ने पाला पोसा
रतन टाटा को जमशेद जी टाटा ने एक अनाथालय से गोद लिया था।
दादा जमशेद और दादी नवाजबाई टाटा उनसे बहुत प्यार करती थीं. 1940 में उनके माता-पिता का तलाक होने के बाद दादी ने ही उन्हें पाल-पोसकर बड़ा किया था.
5. रतन टाटा को डॉग्स से बहुत प्यार है
टाटा ग्रुप के मुंबई के हेडक्वाटर बॉम्बे हाउस में भी आस-पास के डॉग्स के लिए एक स्पेशल घर बनाया गया है।
इसमें वो बिना रोक-टोक आ जा सकते हैं. रतन टाटा के पास दो जर्मन शेफर्ड ब्रीड के डॉग्स हैं।
टाटा अपने खाली वक़्त में वो इनके साथ खेलते हैं।
6. लग्ज़री कारों के शौक़ीन हैं
देश को लखटकिया कार नैनो देने वाले रतन टाटा को लग्ज़री कार रखने का शौक़ है।
उनके पास फ़रारी, जगुआर, विंटेज कार, मर्सिडीज़ एसएल 500 और लैंड रोवर फ़्री लैंडर जैसी कार्स हैं.
7. पायलट भी हैं रतन टाटा
रतन टाटा एक पायलेट भी हैं. वो फ़ाइटर जेट की भी सवारी कर चुके हैं. उन्होंने 2007 में एयर फ़ोर्स के ए-16 फ़ाटर जेट में उड़ान भरी थी.
8. Harvard Business School को दिया था 5 करोड़ रुपये का दान
उन्होंने ने साल 2010 में Harvard Business School को 5 करोड़ रुपये का दान दिया था।
यहां पर उनके नाम से एक हॉल भी मौजूद है, जिसका नाम टाटा हॉल है.
उनकी लीडर शिप में टाटा ग्रुप का कद बहुत ऊंचा हुआ है।
कहते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह की वैल्यू क़रीब 40 गुना तक बढ़ी है.